22वें कुल हिन्द किताब मेले को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के बाद सभों ने संकल्प लिया कि उर्दू को मिटने नहीं देंगे बल्कि इसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश होगी! याद रहे, जिस क़ौम की ज़बान (भाषा) मिट जाती है वह क़ौम धीरे धीरे धीरे खुद ब खुद लुप्त हो जाती है!
22वें कुल हिन्द किताब मेले को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के बाद सभों ने संकल्प लिया कि उर्दू को मिटने नहीं देंगे बल्कि इसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश होगी!
याद रहे, जिस क़ौम की ज़बान (भाषा) मिट जाती है वह क़ौम धीरे धीरे धीरे खुद ब खुद लुप्त हो जाती है!
याद रहे, जिस क़ौम की ज़बान (भाषा) मिट जाती है वह क़ौम धीरे धीरे धीरे खुद ब खुद लुप्त हो जाती है!
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